मेरे दुःख के दिनों में वो बड़े काम आते हैं,
जब कोई नहीं आता मेरे श्याम आते हैं,
मेरे नैयाँ चलती है, पतवार नहीं होती,
किसी और को अब मुझको दरकार नहीं होती,
मै डरती नहीं रस्ते सुनसान आतें हैं,
मेरे दुःख के दिनों में वो बड़े काम आते हैं,
कोई याद करे उनको दुःख हल्का हो जाए,
कोई भक्ति करे उनकी, वो उनका हो जाए,
ये बिन बोले सब कुछ पहचान जाते हैं,
मेरे दुःख के दिनों में वो बड़े काम आते हैं,
ये इतने बड़े होकर, दीनो से प्यार करे,
बनवारी छोटे बड़े सबको स्वीकार करे,
सब भक्तो का कहना ये मान जाते हैं,
मेरे दुःख के दिनों में बड़े काम आते हैं,