खुशी सबको मिली भारी,
अवध में राम आये है,
अवध में राम आये है,
प्रभु श्री राम आये है,
सिया के राम आये है,
अयोध्या सज रही सारी,
अवध में राम आये है।।
जले है दीप घर घर में,
मना उत्सव जगत भर में,
मिले दिल बेरुखी हारी,
अवध में राम आये है।।
जगत के प्राणी जो सारे,
प्रभु श्री राम को प्यारे,
मगन है आज नर नारी,
अवध में राम आये है।।
चली गई दुख भरी रैना,
दर्श को प्यासे के नैना,
सुबह आई है उजियारी,
अवध में राम आये है।।
देवता फूल बरसाये,
पुजारी पूजा करवाये,
छवि ‘भूलन’ बड़ी प्यारी
अवध में राम आये है।।
खुशी सबको मिली भारी,
अवध में राम आये है,
अवध में राम आये है,
प्रभु श्री राम आये है,
सिया के राम आये है,
अयोध्या सज रही सारी,
अवध में राम आये है।।