कैकई अयोध्या की,
शान चली जाएगी,
राम वन गए तो,
मेरी जान चली जाएगी,
कैकईं अयोध्या की,
शान चली जाएगी।।
वर नहीं मांगे,
तीर दिल में मारे है,
राम के बिना ओ रानी,
शान चली जाएगी,
राम वन गए तो,
मेरी जान चली जाएगी,
कैकईं अयोध्या की,
शान चली जाएगी।।
कहते है दशरथ,
तुझे भरत लाल प्यारे है,
राम को वन भेज के,
क्यों कांटो पे चलाएगी,
राम वन गए तो,
मेरी जान चली जाएगी,
कैकईं अयोध्या की,
शान चली जाएगी।।
दो वर दिए थे तुमने,
अब आँख को चुराते हो,
गर ना दिया तो कुल की,
रीत चली जाएगी,
राम वन गए तो,
मेरी जान चली जाएगी,
कैकईं अयोध्या की,
शान चली जाएगी।।
कैकई अयोध्या की,
शान चली जाएगी,
राम वन गए तो,
मेरी जान चली जाएगी,
कैकईं अयोध्या की,
शान चली जाएगी।।