मेरी नैया डगमग डोले,
तुम बिन मेरा कौन सहाई,
रघुकुल नंदन श्री रघुराई,
हम नादां हम भोले,
मेरी नैया डगमग डोले।।
जीवन की ये लहर लहरियां,
मुझको रही उलझाये,
माया में मन उलझा उलझा,
एक ही आखर बोले,
मेरी नैया डगमग डोले।।
तुमसे मैने ये तन पाया,
और सांसो की डोरी,
तेरी अमानत है ये सांसे,
कतरा कतरा बोले,
मेरी नैया डगमग डोले।।
मोह माया में फसकर के मैं,
तुझ तक पहुच न पाऊँ,
‘राजेन्द्र’ के भव बंधन तुम बिन,
कौन भला अब खोले,
मेरी नैया डगमग डोले।।
मेरी नैया डगमग डोले,
तुम बिन मेरा कौन सहाई,
रघुकुल नंदन श्री रघुराई,
हम नादां हम भोले,
मेरी नैया डगमग डोले।।