हरे राम हरे रामा,
जपते थे हनुमाना,
इस मंत्र कि महिमा को,
सारे जग ने जाना।।
जब केवट ने मुख से,
इस मंत्र के बोल पढ़े,
त्रिलोकपति आकर,
केवट की नाव चढ़े।
हरे राम हरें रामा,
जपते थे हनुमाना,
इस मंत्र कि महिमा को,
सारे जग ने जाना।।
इस मंत्र की महिमा को,
भिलनी ने जान लिया
रघुवर खुद घर आए,
कितना सम्मान किया।
हरे राम हरें रामा,
जपते थे हनुमाना,
इस मंत्र कि महिमा को,
सारे जग ने जाना।।
इस मंत्र से हनुमत ने,
सागर को पार किया,
उस कपटी रावण की,
लंका को उजाड़ दिया।
हरे राम हरें रामा,
जपते थे हनुमाना,
इस मंत्र कि महिमा को,
सारे जग ने जाना।।
इस मंत्र से हार गया,
रावण सा बलशाली,
इस मंत्र से तुलसी ने,
रामायण लिख डाली।
हरे राम हरें रामा,
जपते थे हनुमाना,
इस मंत्र कि महिमा को,
सारे जग ने जाना।।
हरे राम हरे रामा,
जपते थे हनुमाना,
इस मंत्र कि महिमा को,
सारे जग ने जाना।।