जग से निराली है मेरी माँ,
सबसे प्यारी है,
मेरी माँ मगरोला वाली,
तेरी महिमा न्यारी है,
मेरी मैया झण्डे वाली,
तेरी महिमा न्यारी है।।
तर्ज – दीवाना बना दिया हमें।
अखण्ड ज्योत जलती है निशदिन,
माँ तेरे दरबार,
पल में संकट हर लेती जो,
आता तेरे द्वार,
भगतो की बिगड़ी किस्मत तुने,
पल में संवारी है,
मेरी मैया झण्डे वाली,
तेरी महिमा न्यारी है।।
प्राचीन समय से लगा हुआ है,
मां का प्यारा धाम,
तेरी छत्र छाया में रहता है,
मगरोला धाम,
तेरी कृपा से आनन्द करती है,
ये नगरी सारी है,
मेरी मैया झण्डे वाली,
तेरी महिमा न्यारी है।।
नवरात्रि में मां का प्यारा,
सजता है दरबार,
‘अलकनंदा’ शरण में आई,
विनती करो स्वीकार,
तेरी चोखट मैया मुझको सारे,
जग से प्यारी है,
मेरी मैया झण्डे वाली,
तेरी महिमा न्यारी है।।
जग से निराली है मेरी माँ,
सबसे प्यारी है,
मेरी माँ मगरोला वाली,
तेरी महिमा न्यारी है,
मेरी मैया झण्डे वाली,
तेरी महिमा न्यारी है।।