जब से तेरे दर पे आया,
तूने इतना प्यार लुटाया,
जब से तेरी शरण में आया,
तूने इतना प्यार लुटाया,
अब तो लगी तुमसे ऐसी लगन,
अब तो लगी तुमसे ऐसी लगन,
सुबह शाम गाता हूँ तेरे भजन,
सुबह शाम गाता हूँ तेरे भजन।।
तर्ज – एक तमन्ना माँ है मेरी।
जीवन की मोह माया में,
जब कोई दर्द सताता है,
नाम तेरा कुछ पल लेने से,
दर्द वो कम हो जाता है,
करूँ तेरे नाम का ही मैं सुमिरण,
करूँ तेरे नाम का ही मैं सुमिरण,
सुबह शाम गाता हूँ तेरे भजन,
सुबह शाम गाता हूँ तेरे भजन।।
तेरे प्यार में हमने मैया,
ऐसा भाग्य पाया है,
अपने घर आँगन में तेरा,
मंदिर एक बनाया है,
हर घड़ी तुमको ही देखे नयन,
हर घड़ी तुमको ही देखे नयन,
सुबह शाम गाता हूँ तेरे भजन,
सुबह शाम गाता हूँ तेरे भजन।।
अब तो मैया इस दुनिया में,
जहाँ कहीं मैं जाता हूँ,
हर जगह हर पल ही तुमको,
अपने संग में पाता हूँ,
सच हो या चाहे ये हो मेरा भरम,
सच हो या चाहे ये हो मेरा भरम,
सुबह शाम गाता हूँ तेरे भजन,
सुबह शाम गाता हूँ तेरे भजन।।
उलझन कैसी भी आ जाये,
बस तुमको ही याद करे,
अपनी हर पीड़ा की ‘अंकुश’,
तुमसे ही फरियाद करे,
मूरत बसी तेरी मेरे नयन,
मूरत बसी तेरी मेरे नयन,
सुबह शाम गाता हूँ तेरे भजन,
सुबह शाम गाता हूँ तेरे भजन।।
जब से तेरे दर पे आया,
तूने इतना प्यार लुटाया,
जब से तेरी शरण में आया,
तूने इतना प्यार लुटाया,
अब तो लगी तुमसे ऐसी लगन,
अब तो लगी तुमसे ऐसी लगन,
सुबह शाम गाता हूँ तेरे भजन,
सुबह शाम गाता हूँ तेरे भजन।।