जिस माँ ने तुमको जनम दिया,
दिल उसका दुखाना ना चाहिए,
अपनी माता के दामन में,
कभी दाग लगाना ना चाहिए,
जिस माँ नें तूमको जनम दिया,
दिल उसका दुखाना ना चाहिए।।
तर्ज – जिस भजन में राम।
नौ महीने गर्भ में जिसने रखा,
उस माँ को भुलाना ना चाहिए,
अपनी माँ को वृद्ध आश्रम में,
हमें छोड़ के आना ना चाहिए,
जिस माँ नें तूमको जनम दिया,
दिल उसका दुखाना ना चाहिए।।
जिस माँ ने दुःख पिलाया है,
उसे भूखा सुलाना ना चाहिए,
इश्वर के जैसी माँ होती,
उसे कभी सताना ना चाहिए,
जिस माँ नें तूमको जनम दिया,
दिल उसका दुखाना ना चाहिए।।
जिस आँख में ममता बहती है,
उस माँ को रुलाना ना चाहिए,
अपने बच्चो से गैरो सा,
व्यवहार कराना ना चाहिए,
जिस माँ नें तूमको जनम दिया,
दिल उसका दुखाना ना चाहिए।।
माँ जैसा जग में कोई नहीं,
उसको तडपाना ना चाहिए,
किसी बात पे माँ गर डांट भी दे,
उसे दिल पे लगाना ना चाहिए,
जिस माँ नें तूमको जनम दिया,
दिल उसका दुखाना ना चाहिए।।
जिस माँ ने तुमको जनम दिया,
दिल उसका दुखाना ना चाहिए,
अपनी माता के दामन में,
कभी दाग लगाना ना चाहिए,
जिस माँ नें तूमको जनम दिया,
दिल उसका दुखाना ना चाहिए।।