Friday, June 20, 2025
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पकड़ के उंगली को मेरी मुझे चलना सिखाया है लिरिक्स Pakad Ke Ungli Ko Meri Mujhe Chalna Sikhaya Hai Lyrics In Hindi

पकड़ के उंगली को मेरी,
मुझे चलना सिखाया है,
ये जीवन भेद है गहरा,
ये जीवन भेद है गहरा,
मुझे माँ ने बताया है,
पकड़ कें उँगली को मेरी,
मुझे चलना सिखाया है।।

तर्ज – पकड़ लो हाथ बनवारी।

गुरु बनके मेरी माँ ने,
मुझे हर मार्ग दिखलाया,
क्या रिश्ते और क्या नाते,
मुझे माँ ने ये समझाया,
मुझे माँ ने ये समझाया,
ये मोह माया है बंधन,
मुझे माँ ने बताया है,
पकड़ कें उँगली को मेरी,
मुझे चलना सिखाया है।।

मैं जब भी लड़खड़ाया हूँ,
मुझे माँ की ही याद आई,
रोई जब भी मेरी आँखे,
माँ आंसू पोछने आई,
माँ आंसू पोछने आई,
लगे ना धुप दुखो की,
करी आँचल की छाया है,
पकड़ कें उँगली को मेरी,
मुझे चलना सिखाया है।।

ये कोठी और ये बंगले,
सभी कुछ मिल ही जाते है,
बड़े धनवान वो बच्चे,
जो जीवन में माँ पाते है,
जो जीवन में माँ पाते है,
तुम्हारे रूप ओ माँ,
मैंने भगवान पाया है,
पकड़ कें उँगली को मेरी,
मुझे चलना सिखाया है।।

पकड़ के उंगली को मेरी,
मुझे चलना सिखाया है,
ये जीवन भेद है गहरा,
ये जीवन भेद है गहरा,
मुझे माँ ने बताया है,
पकड़ कें उँगली को मेरी,
मुझे चलना सिखाया है।।

BhajanSarthi
BhajanSarthi
Singer, Bhajan Lover, Blogger and Web Designer

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