Thursday, February 6, 2025
Homeगायकशिव कुमार पाठकभोले का रूप निराला है पहने वो सर्पो की माला है लिरिक्स...

भोले का रूप निराला है पहने वो सर्पो की माला है लिरिक्स Bhole Ka Roop Nirala Hai Pahne Vo Sarpon Ki Mala Hai Lyrics In Hindi

माथे पे चंदा सजाकर,
अंगो में भस्मी रमाकर,
अपनी जटा से,
गंगा को बहाकर,
बैठा है वो,
भोले का रूप निराला है,
पहने वो सर्पो की माला है।।

तर्ज – आज फिर जीने की।

श्यामल रंग सजीला,
उसका तो कंठ है नीला,
मृगछाल तन पे सजाए हुए है,
भोला मेरा,
भोले का रूप निराला हैं,
पहने वो सर्पो की माला है।।

करते जब नंदी पे सवारी,
दुनिया हो जाए उनपे वारि,
श्रष्टि नियंता चले जब भ्रमण को,
सब हो मगन,
भोले का रूप निराला हैं,
पहने वो सर्पो की माला है।।

डेरा कैलाश पे जमाकर,
भक्तो का ध्यान लगाकर,
करते है क्षण में समस्या निवारण,
मेरा भोला,
भोले का रूप निराला हैं,
पहने वो सर्पो की माला है।।

माथे पे चंदा सजाकर,
अंगो में भस्मी रमाकर,
अपनी जटा से,
गंगा को बहाकर,
बैठा है वो,
भोले का रूप निराला है,
पहने वो सर्पो की माला है।।

BhajanSarthi
BhajanSarthi
Singer, Bhajan Lover, Blogger and Web Designer

संबंधित भजन

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

नये भजन

Recent Comments

error: Content is protected !!