Monday, July 7, 2025
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आज सोमवार है सावन की बहार है लिरिक्स Aaj Somwar Hai Sawan Ki Bahar Hai Lyrics In Hindi

आज सोमवार है सावन की बहार है,
भोले का दरबार है,
सुबह सवेरे जल जो चढ़ाए,
उसका बेड़ा पार है,
आज सोंमवार है।।

तीन लोक के ये है दाता,
लीला बड़ी अपार है,
लीला बड़ी अपार है,
दुखियों के हो भाग्यविधाता,
इनकी जय जयकार है,
इनकी जय जयकार है,
महिमा बड़ी अपार है,
शिव शंकर का वार है,
भोले का दरबार है,
सुबह सवेरे जल जो चढ़ाए,
उसका बेड़ा पार है,
आज सोंमवार है।।

हे त्रिपुरारी भंडारी,
तुझपे ये जग है बलिहारी,
तुझपे ये जग है बलिहारी,
मदन क्रदन कर पाप हरण,
हर भोले शंकर त्रिपुरारी,
भोले शंकर त्रिपुरारी,
मृत्युंजय अविकार है,
शिव शंकर का वार है,
भोले का दरबार है,
सुबह सवेरे जल जो चढ़ाए,
उसका बेड़ा पार है,
आज सोंमवार है।।

भाल चन्द्रमा शीश मुकुट पे,
जटा में गंगा धारा है,
जटा में गंगा धारा है,
शिव शम्भू हे तारक हारक,
इनका रूप निराला है,
इनका रूप निराला है,
सबकी यही पुकार है,
शिव शंकर का वार है,
भोले का दरबार है,
सुबह सवेरे जल जो चढ़ाए,
उसका बेड़ा पार है,
आज सोंमवार है।।

आज सोमवार है सावन की बहार है,
भोले का दरबार है,
सुबह सवेरे जल जो चढ़ाए,
उसका बेड़ा पार है,
आज सोंमवार है।।

BhajanSarthi
BhajanSarthi
Singer, Bhajan Lover, Blogger and Web Designer

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