ऐ श्याम तेरी बंसी की कसम
हम तुमसे मोहोब्बत कर बैठे,
इस दिल के सिवा कुछ और न था,
यह दिल भी तुम्हारा कर बैठे ॥
हम रंग गए तेरे रंग में,
ओ सावरे सुन ले अरज मेरी,
कुछ खोया भी कुछ पाया भी,
तेरी प्रीत से झोली भर बैठे ॥
पलकों में छिपा कर श्याम तुझे,
तन मन कुर्बान किये बैठे हैं,
पकड़ा जब तेरे दामन को,
जीने का सहारा कर बैठे ॥
मगरूर हुआ क्यूँ कर लेकिन,
जरा सामने आ सूरत तो दिखा,
कमजोर है दिल दीवाने का,
श्याम इतना किनारा कर बैठे ॥
तस्वीर को तेरी जब देखा,
मदहोश हुआ बेहोश हुआ,
देखा जब तेरी सूरत को
सजदे में झुकाए सर बैठे ॥