अपने भक्तों को प्रभु,
दर्श दिखाने आजा,
मेरे गणराज मेरी बिगड़ी,
बनाने आजा।।
तर्ज – तू किसी और से मिलने।
गौरा के लाड़ले,
शंकर के दुलारे हो तुम,
रिद्धि सिद्धि के,
भी जान से प्यारे हो तुम,
कर मूषक की सवारी,
तुम्हे आना होगा,
अपने भक्तो को प्रभु,
आज निभाना होगा,
नाव मजधार है,
प्रभु पार लगाने आजा,
मेरे गणराज मेरी बिगड़ी,
बनाने आजा।।
इक तेरे नाम से,
दुनिया में बहारें आई,
इक तेरे नाम से,
खुशियों की घटाऐं छाई,
मेरे देवा तेरे हम नाम से,
प्रारम्भ करें,
हम तेरे नाम से हर काम का,
आरम्भ करें,
मेरी उम्मीद के दीपों को,
जलाने आजा,
मेरे गणराज मेरी बिगड़ी,
बनाने आजा।।
कोई मायूस नहीं होता,
असर से तेरे,
खाली हाथों से न जाए,
कोई दर से तेरे,
तुझको मंदिर में महकती हुई,
खूशबू की कसम,
मेरी आंखों से निकलते हुए,
आंसू की कसम,
अपने दर्शन मेरी आंखों को,
दिखाने आजा,
मेरे गणराज मेरी बिगड़ी,
बनाने आजा।।
अपने भक्तों को प्रभु,
दर्श दिखाने आजा,
मेरे गणराज मेरी बिगड़ी,
बनाने आजा।।