माँ की ममता मैया से मांगे,
मुझे पुत्र मिले,
शरवण की तरह,
और भाभी मांगे देवर,
लक्ष्मण की तरह।।
तर्ज – मेरे यार बदल ना जाना।
गुरु बिन ज्ञान कहाँ से लाऊँ,
गुरु से बड़ा ना कोई,
जो गुरु की सेवा है करता,
सच्चा चेला वो ही,
गुरुवर मांगे मुझे शिष्य मिले,
मुझे शिष्य मिले एकलव्य की तरह,
और भाभी मांगे देवर,
लक्ष्मण की तरह।।
द्रोपती की पुकार सुनकर,
वो नंगे पैरो आए थे,
अपनी बहन की खातिर वो तो,
जरा नहीं रुक पाए थे,
हर बहन कहे मुझे भाई मिले,
मुझे भाई मिले कृष्णा की तरह,
और भाभी मांगे देवर,
लक्ष्मण की तरह।।
राम नाम की निशदिन देखो,
जपता रहे वो माला,
अपने प्रभु की भक्ति में वो,
सदा रहे मतवाला,
रघुराम कहे हमें भक्त मिले,
हमें भक्त मिले हनुमत की तरह,
और भाभी मांगे देवर,
लक्ष्मण की तरह।।
माँ की ममता मैया से मांगे,
मुझे पुत्र मिले,
शरवण की तरह,
और भाभी मांगे देवर,
लक्ष्मण की तरह।।
Artist – Pallavi Narang
Singer – Rekha Garg
Lyrics – Traditional
Music – RG Music
Label – Geet Mithas