भोले जी तेरे द्वार का,
दीवाना तेरे प्यार का,
रहो मेरे साथ जी,
मेरे भोलेनाथ जी।।
तर्ज – मुकुट सिरमोर का।
मिलता है सुख ये केवल,
शिव जी के नाम से,
पावन धरा ये सारी,
भोले चारों धाम से,
नमन संसार का,
शक्ति संचार का,
रहो मेरे साथ जी,
मेरे भोलेनाथ जी।।
सर पे जटा है साजे,
गंगा की धारा है,
सर पे जटा है साजे,
गंगा की धारा है,
गले में है सर्प माला,
बिच्छु कान बाला है,
गजब श्रृंगार का,
चन्द्र उजियार का,
रहो मेरे साथ जी,
मेरे भोलेनाथ जी।।
अद्भुत स्वरूप तेरा,
लीला भी न्यारी है,
अद्भुत स्वरूप तेरा,
लीला भी न्यारी है,
भक्तों को देने वाले,
भोले भंडारी है,
‘सचिन’ ये उचारता है,
तुम्हे ही पुकारता,
रहो मेरे साथ जी,
मेरे भोलेनाथ जी।।
भोले जी तेरे द्वार का,
दीवाना तेरे प्यार का,
रहो मेरे साथ जी,
मेरे भोलेनाथ जी।।