भोले तेरी निराली शान,
करे जगत का तू कल्याण,
सबको शरण में रखले अपनी,
तुझसा नहीं महान,
ओ भोले तेरा जवाब कहाँ,
भोलें तेरी निराली शान।।
तर्ज – तौबा ये मतवाली चाल।
दुःख का है सागर जीवन,
मानव का सारा,
सुख का है एक ही कतरा,
तेरा सहारा,
उसी एक कतरे को,
पीना मैं चाहूँ,
तेरे दरश में बीते,
जीवन ये सारा,
ओ भोले तेरा जवाब कहाँ,
भोलें तेरी निराली शान।।
सारा जगत है भोले,
तेरी ही माया,
मानव हूँ मैं मेरी,
नश्वर है काया,
तेरे नाम पे अपना,
जीवन लुटा दूँ,
रहे मेरे सर पे,
सदा तेरा साया,
ओ भोले तेरा जवाब कहाँ,
भोलें तेरी निराली शान।।
सारे जगत के हित में,
गंगा को धारा,
जिसने भी तुझे पुकारा,
उसको उबारा,
मेरी भी सुनले विनती,
ओ मेरे भोले,
मैं कर दूँ अर्पण,
अपना तन मन ये सारा,
ओ भोले तेरा जवाब कहाँ,
भोलें तेरी निराली शान।।
भोले तेरी निराली शान,
करे जगत का तू कल्याण,
सबको शरण में रखले अपनी,
तुझसा नहीं महान,
ओ भोले तेरा जवाब कहाँ,
भोलें तेरी निराली शान।।