चढ़ा ले लोटा जल भर के,
तेरा कल्याण हो जाए,
कंटीली राह जीवन की,
तेरी आसान हो जाए,
चढ़ा ले लोटा जल भरके,
तेरा कल्याण हो जाए।।
तर्ज – ना झटको जुल्फ से।
बड़े भोले मेरे भगवन,
ना दूजा आपसा दानी,
बिना सोचे ही दे देते,
ना दूजा आपका सानी,
शरण में आ भी जा पुरे,
तेरे अरमान हो जाए,
चढ़ा ले लोटा जल भरके,
तेरा कल्याण हो जाए।।
बना सोने या चांदी का,
भले जलपात्र ना तेरा,
अगर श्रद्धा से हो लबलब,
चढ़े क्षण मात्र में तेरा,
तेरे दुखड़े मिटाने का,
भगत फरमान हो जाए,
चढ़ा ले लोटा जल भरके,
तेरा कल्याण हो जाए।।
बड़ा प्यारा है जल इनको,
हमेशा शीश पर धारे,
तू भरके भाव की गगरी,
भगत चौखट पे आजा रे,
हमेशा ‘हर्ष’ खुशियों के,
तेरे दिन मान हो जाए,
चढ़ा ले लोटा जल भरके,
तेरा कल्याण हो जाए।।
चढ़ा ले लोटा जल भर के,
तेरा कल्याण हो जाए,
कंटीली राह जीवन की,
तेरी आसान हो जाए,
चढ़ा ले लोटा जल भरके,
तेरा कल्याण हो जाए।।