Monday, July 8, 2024
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चुनरिया मात भवानी की मैंने जयपुर से मंगवाई लिरिक्स Chunariya Maat Bhawani Ki Maine Jaipur Se Mangwai Lyrics In Hindi

चुनरिया मात भवानी की,
मैंने जयपुर से मंगवाई,
जयपुर से रंगवाई री,
रंगरेजे से रंगवाई,
चुनरीया मात भवानी की,
मैंने जयपुर से मंगवाई।।

लाल जमी केसरिया धारी,
ऊपर गोटा जड़ी किनारी,
क्या शोभा प्रेम निशानी की,
मैंने जयपुर से मंगवाई,
चुनरीया मात भवानी की,
मैंने जयपुर से मंगवाई।।

भाव के बूटे न्यारे न्यारे,
निर्मल मन के नक़्शे डारे,
है चमक ज्योत नूरानी की,
मैंने जयपुर से मंगवाई,
चुनरीया मात भवानी की,
मैंने जयपुर से मंगवाई।।

ब्रम्ह वेद नारद की वीणा,
श्याम की बंशी ने जादू कीन्हा,
क्या छटा रामधन पाणी की,
मैंने जयपुर से मंगवाई,
चुनरीया मात भवानी की,
मैंने जयपुर से मंगवाई।।

चमके सूरज चाँद सितारे,
‘किशन’ ‘विमल’ संग भक्ता सारे,
निरखे जग कल्याणी की,
मैंने जयपुर से मंगवाई,
चुनरीया मात भवानी की,
मैंने जयपुर से मंगवाई।।

चुनरिया मात भवानी की,
मैंने जयपुर से मंगवाई,
जयपुर से रंगवाई री,
रंगरेजे से रंगवाई,
चुनरीया मात भवानी की,
मैंने जयपुर से मंगवाई।।

BhajanSarthi
BhajanSarthi
Singer, Bhajan Lover, Blogger and Web Designer

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