डमरू जो बाजे हाथों में,
नाचे धरती और आकाश,
के भोले बाबा नाच रहे,
डमरू जो बाजे हाथो में।।
तर्ज – चूड़ी जो खनकी।
भांग धतूरा भोग लगे,
गले सर्पो की माला है,
गोदी में श्री गणेश जी,
संग में गौरा माता है,
तीनो लोको के स्वामी है,
तीनो लोको के स्वामी है,
ये तो खुशियां बाँट रहे,
के भोले बाबा नाच रहे,
डमरू जो बाजे हाथो में।।
आए जो इनके द्वारे,
करते है वारे न्यारे,
भूतों के स्वामी भूतेश्वर,
सबका कारज ही सारे,
तेरी भी झोली ये आज भरे,
तेरी भी झोली ये आज भरे,
तू भजन सुना प्यारे,
के भोले बाबा नाच रहे,
डमरू जो बाजे हाथो में।।
ये विश्वास मेरे मन में,
मैं शिव का शिव है मुझ में,
नित्य नियम से जो ध्यावे,
भोले है उसके वश में,
देवों में देव महादेव है,
देवों में देव महादेव है,
ये सबकी विपदा हरे,
के भोले बाबा नाच रहे,
डमरू जो बाजे हाथो में।।
डमरू जो बाजे हाथों में,
नाचे धरती और आकाश,
के भोले बाबा नाच रहे,
डमरू जो बाजे हाथो में।।