Wednesday, June 18, 2025
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दर दर भटकता फिरा ठोकर बड़ी खाया हूँ लिरिक्स Dar Dar Bhatakta Fira Thokar Badi Khaya Hun Lyrics In Hindi

दर दर भटकता फिरा,
ठोकर बड़ी खाया हूँ।

-दोहा-
रूतबा ये मेरे सर को,
तेरे दर से मिला है,
हालाकी मेरा सर भी,
तेरे दर से मिला है,
औरों को जो मिला है माँ,
वो मुकद्दर से मिला है,
पर मुझे तो मेरा मुकद्दर भी,
तेरे दर से मिला है।

दर दर भटकता फिरा,
ठोकर बड़ी खाया हूँ,
दर्शन के लिए मैया,
मैं तेरे द्वारे आया हूँ।।

तर्ज – जीता था जिसके लिए।

जग ने सताया,
जहां ने रुलाया,
तुम मेरा संकट हरो २,
दर से सवाली,
ना जायेगा खाली,
तुम मेरी झोली भरो २,
है नहीं कोई जग में,
हमारा तुम्हारे सिवा,
दर्शन के लिए मैया,
मैं तेरे द्वारे आया हूँ।।

जब जब पुकारा,
दे दिया सहारा,
फरियाद मेरी पढ़ी २,
चली आओ मैया,
भवर देख कर के,
मेरी नाव तूफां फसी २,
लगन मेरी तुमसे लगी है,
ये मैय्या सुनो,
दर्शन के लिए मैया,
मैं तेरे द्वारे आया हूँ।।

तेरे चरण में,
रहूँगा हमेशा,
सुनलो ये अर्जी मेरी २,
दर का भिखारी,
रखो या उठा दो,
आगे है मर्जी तेरी २,
नहीं तो आज चौखट पे तेरी,
मैं मर जाऊंगा,
दर्शन के लिए मैया,
मैं तेरे द्वारे आया हूँ।।

तुम ना करोगी,
तो करम कौन करेगा,
दामन है मेरा खाली,
इसे कौन भरेगा,
ठुकरा दिया है जग ने,
मुझे तेरा सहारा,
आ जाओ मेरी मैय्या,
मैने तुमको पुकारा,
मैंने तुमको पुकारा,
दर्शन के लिए मैया,
मैं तेरे द्वारे आया हूँ।।

पूजा ना जानु,
सेवा ना जानु,
कैसे मनाऊं तुम्हे २,
प्रेमी दीवाना,
हुआ आज पागल,
कैसे बताऊं तुम्हे २,
विजय आज करना,
यही है मेरी आरज़ू,
दर्शन के लिए मैया,
मैं तेरे द्वारे आया हूँ।।

दर दर भटकता फिरा,
ठोकर बड़ी खाया हूँ,
दर्शन के लिए मैया,
मैं तेरे द्वारे आया हूँ।।

BhajanSarthi
BhajanSarthi
Singer, Bhajan Lover, Blogger and Web Designer

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