दरश करो शिव जी के,
करो शुभ दिन जिन्दगी के,
दूर करो ग़म जी के,
मिले सारे सुख धरती के।।
मुण्डों की माला रमाये भोला गरवा,
भष्मी रमाये बहे गंगा सिर मा,
काले नाग हो ऊपर नीचे,
समय हो शुभ सभी के,
दूर करो ग़म जी के,
मिले सारे सुख धरती के।।
फूलों की माला से शिव को सजईबे,
चावल चन्दन और भंगिया चढ़ईबे,
लड्डू चढ़इबे देसी घी के,
करो शुभ दीन ज़िन्दगी के,
दूर करो ग़म जी के,
मिले सारे सुख धरती के।।
बेल पत्र दुर्बा और समी पत्र लइबे,
करिबे पूजा शिवा शिव को मनइबे,
जल से नहुअइबे जान्हवी के,
मिले सारे सुख धरती के,
दूर करो ग़म जी के,
मिले सारे सुख धरती के।।
दरश करो शिव जी के,
करो शुभ दिन जिन्दगी के,
दूर करो ग़म जी के,
मिले सारे सुख धरती के।।