Wednesday, January 15, 2025
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घनश्याम तेरी बंसी पागल कर जाती है लिरिक्स Ghanshyam Teri Bansi Pagal Kar Jaati Hai Lyrics In Hindi

घनश्याम तेरी बंसी,
पागल कर जाती है,
मुस्कान तेरी मोहन,
घायल कर जाती है।।

सोने की होती तो,
क्या करते तुम मोहन,
ये बांस की होकर भी,
दुनिया को नचाती है,
घनश्याम तेरी बन्सी,
पागल कर जाती है।।

तुम गोरे होते तो,
क्या कर जाते मोहन,
जब काले रंग पर ही,
दुनिया मर जाती है।।

दुख दर्दों को सहना,
बंसी ने सिखाया है,
इसके छेद है सीने मे,
फ़िर भी मुस्काती है,
घनश्याम तेरी बन्सी,
पागल कर जाती है।।

कभी रास रचाते हो,
कभी बंसी बजाते हो,
कभी माखन खाने की,
मन में आ जाती है,
घनश्याम तेरी बन्सी,
पागल कर जाती है।।

घनश्याम तेरी बंसी,
पागल कर जाती है,
मुस्कान तेरी मोहन,
घायल कर जाती है।।

BhajanSarthi
BhajanSarthi
Singer, Bhajan Lover, Blogger and Web Designer

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