जय हो माई कालका,
जीवे तेरा बालका,
तूने माँ देखा ना गरीब ना धनी,
सबकी सुनी माँ तूने सबकी सुनी,
सबकी सुनी माँ तूने सबकी सुनी।।
तेरी महिमा हैं जग जानी,
मुख से माँ ना जाये बखानी,
यहाँ हर बिगड़ी बात है बनी,
सबकी सुनी माँ तूने सबकी सुनी,
सबकी सुनी माँ तूने सबकी सुनी।।
भक्तो की करती सुनवाई,
जिसने भी आवाज़ लगाई,
महामाई तुझको कहते मुनि,
सबकी सुनी माँ तूने सबकी सुनी,
सबकी सुनी माँ तूने सबकी सुनी।।
सारा जग माँ तुझको धियावे,
‘कुर्मी अमन’ भी कलम चलावे,
‘कैलाश’ भी साज़ सजावे,
‘केशव शर्मा’ महिमा गावे,
‘केशव ने भी तुझे बताया गुणी,
सबकी सुनी माँ तूने सबकी सुनी,
सबकी सुनी माँ तूने सबकी सुनी।।
जय हो माई कालका,
जीवे तेरा बालका,
तूने माँ देखा ना गरीब ना धनी,
सबकी सुनी माँ तूने सबकी सुनी,
सबकी सुनी माँ तूने सबकी सुनी।।