लेना खबर हमारी हरिदास के बिहारी,
लेना खबर हमारी हरिदास के बिहारी,
- दोहा –
बाहर गमन का ना, मन में विचार उठे,
चाहे तो प्रलोभन कोई, लाखो करोड़ दे,
अंतिम समय मे भी, धारणा प्रबल मेरी,
जन्म जन्मांतर को, अटूट प्रेम जोड़ दे,
पीत पटवारो श्याम, सनमुख हमारे आये,
लकुटि समेत नेक, भ्रकुटि मरोड़ दे,
वृंदावन बिच म्रत्यु, होवे जो हमारी तो,
है जी वृंदावन रस कोई, मुख मे निचोड़ दे।
लेना खबर हमारी,
हरिदास के बिहारी,
बेमौत मर ना जाऊँ,
बेमौत मर ना जाऊँ,
दुनिया से कर के यारी।।
द्वारे तुम्हारे आया,
दर्शन की आस लाया,
दर्शन की भीख दे दो,
दर्शन का मै भिखारी,
लेना खबर हमारी,
हरिदास के बिहारी,
बेमौत मर ना जाऊँ,
दुनिया से कर के यारी।।
मै तो हूँ बेसहारा,
तेरा लिया सहारा,
जीवन की ज्योति जागे,
लखकर झलक तुम्हारी,
लेना खबर हमारी,
हरिदास के बिहारी,
बेमौत मर ना जाऊँ,
दुनिया से कर के यारी।।
अपना लिया हैं तुमको,
ठुकरा ना देना मुझको,
द्वारे पे आ गया हूँ,
तज करके दुनिया सारी,
लेना खबर हमारी,
हरिदास के बिहारी,
बेमौत मर ना जाऊँ,
दुनिया से कर के यारी।।
हरिदास जू की आँखो के,
तुम हो नैन तारे,
पागल खड़ा द्वारे,
तेरे प्रेम का पुजारी,
लेना खबर हमारी,
हरिदास के बिहारी,
बेमौत मर ना जाऊँ,
दुनिया से कर के यारी।।
लेना खबर हमारी,
हरिदास के बिहारी,
बेमौत मर ना जाऊँ,
बेमौत मर ना जाऊँ,
दुनिया से कर के यारी।।