माँ अम्बे को बुलाऊंगी,
दरबार सजाऊंगी,
मेरे घर आजा मैया,
तेरे लाड़ लड़ाउंगी,
मेरे घर आजा मैया,
तेरे लाड़ लड़ाउंगी।।
तर्ज – ये मेरी अर्जी है।
नित राह निहारूंगी,
पलकों से बुहारुँगी,
मेरे घर आजा मैया,
तेरी नजर उतारूंगी,
मेरे घर आजा मैया,
तेरी नजर उतारूंगी।।
तेरी ज्योत जगाउंगी,
संगत को बुलाऊंगी,
मेरे घर आजा मैया,
राति जगा करवाउंगी,
मेरे घर आजा मैया,
राति जगा करवाउंगी।।
कंजक रूप बुलाऊंगी,
हलवा पूड़ी जिमाउंगी,
मेरे घर आजा मैया,
छप्पन भोग लगाउंगी,
मेरे घर आजा मैया,
छप्पन भोग लगाउंगी।।
चुनर लाल ओढ़ाउंगी,
लाल चूड़ियां पहनाऊँगी,
मेरे घर आजा मैया,
श्रृंगार सजाऊंगी,
मेरे घर आजा मैया,
श्रृंगार सजाऊंगी।।
तेरे चरण पखारूंगी,
जी भर के निहारूंगी,
मेरे घर आजा मैया,
तेरी आरती उतारूंगी,
मेरे घर आजा मैया,
तेरी आरती उतारूंगी।।
रज माथे लगाउंगी,
बलिहारी मैं जाउंगी,
मेरे घर आजा मैया,
तेरे चरण दबाऊँगी,
मेरे घर आजा मैया,
तेरे चरण दबाऊँगी।।
रज रज गुण गाउंगी,
विप्लव संग ध्याऊँगी,
मेरे घर आजा मैया,
मीठे भजन सुनाऊँगी,
मेरे घर आजा मैया,
मीठे भजन सुनाऊँगी।।
माँ अम्बे को बुलाऊंगी,
दरबार सजाऊंगी,
मेरे घर आजा मैया,
तेरे लाड़ लड़ाउंगी,
मेरे घर आजा मैया,
तेरे लाड़ लड़ाउंगी।।