मैं आयी ड्योढ़ी में माता रानी,
हरो दुःख सारे माता रानी,
हरो दुख सारे माता रानी।।
दीप जलाऊं फूल चढ़ाऊँ,
नवरातों में भोज कराऊँ,
कुमारी बन आये माता रानी,
मै आयी ड्योढ़ी में माता रानी।।
निर्धन को धन बांझ ललना पुकारे,
तेरे नाम के उगें हैं जवारे,
देदो वर कन्या को माता रानी,
मै आयी ड्योढ़ी में माता रानी।।
शारदा रूप है मैहर अंचल,
अमर कर दियो आल्हा इंदल,
जो हारे नही रण में माता रानी,
मै आयी ड्योढ़ी में माता रानी।।
विंध्य वासिनी विंध्याचल में,
वैष्णव रूप रमे कटरा में,
भैरव हने छण में माता रानी,
मै आयी ड्योढ़ी में माता रानी।।
मुम्बा जी का मुखड़ा प्यारा,
कामख्या में रूप है न्यारा,
कटै जहां महिषा माता रानी,
मै आयी ड्योढ़ी में माता रानी।।
कलकत्ते में काली माता,
मीनाक्षी हैं भाग्य विधाता,
पूजै नर ज्ञानी माता रानी,
मै आयी ड्योढ़ी में माता रानी।।
मैं आयी ड्योढ़ी में माता रानी,
हरो दुःख सारे माता रानी,
हरो दुख सारे माता रानी।।