मैया तुमसे मेरी,
छोटी सी है अर्जी,
मानो या ना मनो,
आगे तेरी मर्जी,
मावड़ी रखले तू,
चरणों के पास।।
तर्ज – मिलना हमें तुमसे।
मैं नित उठ के दादी,
मंदिर बुहारूँगा,
तुम्हे देख देख मैया,
जीवन सवारूँगा,
बस इतनी सी मेरी,
मैया है खुदगर्जी,
मानो या ना मनो,
आगे तेरी मर्जी,
मावड़ी रखले तू,
चरणों के पास।।
जब भोग लगाओगी,
आसन लगाऊंगा,
बड़े प्रेम से दादी,
पंखा ढुलाऊँगा,
मन के भावो की माँ,
गठड़ी आगे धर दी ,
मानो या ना मनो,
आगे तेरी मर्जी,
मावड़ी रखले तू,
चरणों के पास।।
जब नींद आएगी माँ,
लोरी सुनाऊँगा,
बड़े प्रेम भाव से माँ,
तेरे चरण दबाऊँगा,
कहे ‘श्याम’ सताओ ना,
अब मान लो माँ जल्दी,
मानो या ना मनो,
आगे तेरी मर्जी,
मावड़ी रखले तू,
चरणों के पास।।
मैया तुमसे मेरी,
छोटी सी है अर्जी,
मानो या ना मनो,
आगे तेरी मर्जी,
मावड़ी रखले तू,
चरणों के पास।।