ओ मैया तेरी रहमतों ने,
ये करिश्मा किया,
छोटी पड़ गई झोली,
तूने इतना दिया।।
तर्ज – हे भोले शंकर पधारो।
अपना बनाया,
गले से लगाया,
दे दी हमें अपनी,
ममता की छाया,
ओ मैया बुझने दिया ना,
आस वाला दीया,
छोटी पड़ गई झोली,
तूने इतना दिया।।
पुकारा तुझे हमने,
जब जिस घड़ी है,
माँ अपने भवनों से,
तू चल पड़ी है,
हमें लड़खड़ाने से,
पहले संभाला,
सदा माँ दुखो के,
भंवर से निकाला,
माँ तेरे हाथ में,
जब मेरा हाथ है,
छू ले मुझको कहाँ,
दुःख की औकात है,
ओ मैया तेरी दया का,
हमने अमृत पिया,
छोटी पड़ गई झोली,
तूने इतना दिया।।
हाथ तेरा सदा माँ,
सर पे रहे,
सर हमेशा माँ तेरे,
दर पे रहे,
ओ मैया हर साँस हमने,
नाम तेरा लिया,
छोटी पड़ गई झोली,
तूने इतना दिया।।
ओ मैया तेरी रहमतों ने,
ये करिश्मा किया,
छोटी पड़ गई झोली,
तूने इतना दिया।।