राम भक्त ले चला रे राम की निशानी
शीश पे खडायूं और अखियो में पानी
राम भक्त ले चला रे राम की निशानी
शीस खडाऊ ले चला ऐसे, राम सिया जी संग हो जैसे।
चरणो में रहेंगी अब इनके रजधानी ॥
राम भक्त ले चला..
पल पल दिन दिन बीते ऐसे, चौदह वर्ष कटेंगे कैसे।
राम बिन कठिन है ये घडी वितानी ॥
राम भक्त ले चला..
तन मन ज्ञान मुदित अनुरागा,
धर्म कर्म पर धीरज त्यागा
आपदा में बह गये है धीर वीर ज्ञानी॥
राम भक्त ले चला..