-श्लोक-
सदा भवानी दाहिनी, सनमुख रहे गणेश,
पांच देव रक्षा करे, ब्रम्हा विष्णु महेश।।
रमक झमक कर आवो गजानन,
रमक झमक कर आवो गजानन।।
आप भी आवो देवा रिद्धि रिद्धि लावो,
आप भी आवो देवा रिद्धि सिद्धि लावो,
सभा में रंग बरसावो गजानन,
रमक झमक कर आवो गजानन।।
सूंड सूंडालो बाबो दुंद दूंदालो,
सूंड सूंडालो बाबो दुंद दूंदालो,
मोदक भोग लगावो गजानन,
रमक झमक कर आवो गजानन।।
पारवती के देवा पुत्र कहावो,
पारवती के देवा पुत्र कहावो,
शिवजी के राज दुलारे गजानन,
रमक झमक कर आवो गजानन।।
शीश पे थारे मुकुट विराजे,
शीश पे थारे मुकुट विराजे,
गले पुष्पन की माला गजानन,
रमक झमक कर आवो गजानन।।
राम और लक्ष्मण थाने निशदिन ध्यावे,
चरणों में शीश नवावे गजानन,
रमक झमक कर आवो गजानन।।