Wednesday, June 18, 2025
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रोम रोम में बसा हुआ है एक उसी का नाम लिरिक्स Rom Rom Me Basa Hua Hai Ek Usi Ka Naam Lyrics

रोम रोम में बसा हुआ है,
एक उसी का नाम,
तू जपले राम राम राम,
तू भजले राम राम राम,
रोम रोम में बसा हुआ हैं।।

लोभ और अभिमान छोड़िए,
छोड़ जगत की माया,
मन की आँखे खोल देख,
कण कण में वही समाया,
जहाँ झुकाए सर तू अपना,
वही पे उनका धाम,
तू जपले राम राम राम,
तू भजले राम राम राम,
रोम रोम में बसा हुआ हैं।।

ये मत सोच जहाँ मंदिर है,
वही पे दीप जलेंगे,
जहाँ पुकारेगा तू उनको,
वही पे राम मिलेंगे,
दर दर भटक रहा क्यों प्राणी,
उन्ही का दामन थाम,
तू जपले राम राम राम,
तू भजले राम राम राम,
रोम रोम में बसा हुआ हैं।।

ये संसार के नर और नारी,
देवी देवता सारे,
नहीं चला है कोई यहाँ पे,
उनके बिना इशारे,
वो चाहे सूरज निकले,
वो चाहे तो ढलती शाम,
तू जपले राम राम राम,
तू भजले राम राम राम,
रोम रोम में बसा हुआ हैं।।

रोम रोम में बसा हुआ है,
एक उसी का नाम,
तू जपले राम राम राम,
तू भजले राम राम राम,
रोम रोम में बसा हुआ हैं।।

BhajanSarthi
BhajanSarthi
Singer, Bhajan Lover, Blogger and Web Designer

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