सदा साफ रखना तू बन्दे,
मन का शिवाला,
ना जाने कब कर दे दया,
श्रष्टि रचने वाला,
सदा साफ़ रखना तू बन्दें,
मन का शिवाला।।
देखे – अजब है भोलेनाथ ये।
या धनवान हो या निर्धन हो,
सबपे कृपा बराबर तेरी,
या धनवान हो या निर्धन हो,
सबपे कृपा बराबर तेरी,
सबको कर्मो का फल देता,
सोच के देने वाला,
सदा साफ़ रखना तू बन्दें,
मन का शिवाला।।
जब माया में भटक के कोई,
तन मन धन खो देता है,
जब माया में भटक के कोई,
तन मन धन खो देता है,
जो प्रभु का सुमिरण करता है,
वो है किस्मत वाला,
सदा साफ़ रखना तू बन्दें,
मन का शिवाला।।
जो जाए दरबार में उनके,
वो झोली भर देता है,
जो जाए दरबार में उनके,
वो झोली भर देता है,
देने में सबसे आगे है,
शिव शंकर मतवाला,
सदा साफ़ रखना तू बन्दें,
मन का शिवाला।।
सदा साफ़ रखना तू बन्दे,
मन का शिवाला,
ना जाने कब कर दे दया,
श्रष्टि रचने वाला,
सदा साफ़ रखना तू बन्दें,
मन का शिवाला।।