Monday, July 7, 2025
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सज रही मेरी अम्बे मैया सुनहरी गोटे में लिरिक्स Saj Rahi Meri Ambe Maiya Sunahri Gote Mai Lyrics In Hindi

सज रही मेरी अम्बे मैया,
सुनहरी गोटे में,
सुनहरी गोटे में,
रूपहरी गोटे में।।

मैया तेरी चुनरी की गजब है बात,
चंदा जैसा मुखड़ा मेहंदी से रचे हाथ,
सज रही मेरी अम्बे मैया,
सुनहरी गोटे में।।

मैया के प्यारे,
श्रीधर बेचारे,
करते वो निर्धन,
नित कन्या पूजन,
माँ प्रसन्न हो उन पर,
आई कन्या बनकर,
उनके घर आई,
ये हुक्म सुनाई,
कल अपने घर पर रखो विशाल भंडारा,
कराओ सबको भोजन बुलाओ गाँव सारा,
सज रही मेरी अम्बे मैया,
सुनहरी गोटे में।।

माँ का संदेसा,
घर घर में पहुंचा,
करने को भोजन,
आ गए सब ब्राम्हण,
भैरव भी आया,
सब चेलों को लाया,
श्रीधर घबराये,
कुछ समझ ना पाए,
फिर कन्या आई,
उन्हें धीर बंधाई,
वो दिव्य शक्ति,
श्रीधर से बोली,
तुम मत घबराओ,
अब बहार आओ,
सब अतिथि अपने,
कुटिया में लाओ,
श्रीधर जी बोले,
फिर बहार आकर,
सब भोजन करले,
कुटिया में चलकर,
फिर भैरव बोले,
मै और मेरे चेले,
कुटिया में तेरी,
बैठेंगे कैसे,
बोले फिर श्रीधर,
तुम चलो तो अंदर,
अस्थान की चिंता,
तुम छोड़ दो मुझपर,
तब लगा के आसन,
बैठे सब ब्राम्हण,
कुटिया के अंदर,
करने को भोजन,
भंडारे का आयोजन श्रीधर जी से करवाया,
फिर सबको पेट भरकर भोजन तूने करवाया,
मैया तेरी माया क्या समझेगा कोई,
जो भी तुझे पूजे नसीबो वाला होय,
सज रही मेरी अम्बे मैया,
सुनहरी गोटे में।।

सुनले ऐ ब्राम्हण,
ये वैष्णव भोजन,
ब्राम्हण जो खाते,
वही तुझे खिलाते,
हट की जो तूने,
बड़ा पाप लगेगा,
यहाँ मॉस और मदिरा,
नहीं तुझे मिलेगा,
ये वैष्णो भंडारा तू मान ले मेरा कहना,
ब्राम्हण को मॉस मदिरा से क्या लेना देना,
सज रही मेरी अम्बे मैया,
सुनहरी गोटे में।।

भैरव ना छोड़ा,
मैया का पीछा,
माँ गुफा के अंदर,
जब छुप गई जाकर,
जब गर्भ गुफा में,
भैरव जाता था,
पहरे पर बैठे,
लंगूर ने रोका,
अड़ गया था भैरव,
जब अपनी जिद पर,
लांगुर भैरव में,
हुआ युद्ध भयंकर,
फिर आदि शक्ति,
बनकर रणचंडी,
जब गर्भ गुफा से,
थी बाहर निकली,
वो रूप बनाया,
भैरव घबराया,
तलवार इक मारी,
भैरव संहारी,
भैरव शरणागत आया तो बोली वैष्णव माता,
मेरी पूजा के बाद में होगी तेरी भी पूजा,
मैया के दर्शन कर जो भैरव मंदिर में जाए,
मैया की कृपा से वो मन चाहा वर पाए,
सज रही मेरी अम्बे मैया,
सुनहरी गोटे में।।

सज रही मेरी अम्बे मैया,
सुनहरी गोटे में,
सुनहरी गोटे में,
रूपहरी गोटे में।।

मैया तेरी चुनरी की गजब है बात,
चंदा जैसा मुखड़ा मेहंदी से रचे हाथ,
सज रही मेरी अम्बे मैया,
सुनहरी गोटे में।।

BhajanSarthi
BhajanSarthi
Singer, Bhajan Lover, Blogger and Web Designer

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