सरकार तुम्हारे चरणों में,
एक दीन भिखारी आया है,
एक दीन भिखारी आया है,
वो झोली खाली लाया है,
भगवान तुम्हारे चरणों में,
एक दीन भिखारी आया है।।
तर्ज – जिस भजन में राम का।
मन तो लगाया तेरी भक्ति में,
सेवा में समर्पित काया है,
दरबार तुम्हारा सांचा है,
बाकी सब झूठी माया है,
सरकार तुम्हारे चरणो में,
एक दीन भिखारी आया है।।
सुना है तू सुनता है उसकी,
जो दर दर ठोकर खाया है,
अब शरण मिले चरणों में तेरे,
बस आशा इतनी लाया है,
सरकार तुम्हारे चरणो में,
एक दीन भिखारी आया है।।
परवाह नहीं मुझको जग की,
जब सर पर तेरी छाया है,
भजनों से रिझाएँ ये पागल,
तुझे दिल से आज मनाया है,
सरकार तुम्हारे चरणो में,
एक दीन भिखारी आया है।।
सरकार तुम्हारे चरणों में,
एक दीन भिखारी आया है,
एक दीन भिखारी आया है,
वो झोली खाली लाया है,
भगवान तुम्हारे चरणों में,
एक दीन भिखारी आया है।।