शिव तो है डमरु वाला,
कहते है भोला भाला,
शिव के चरणों में मेरा ध्यान,
करते हैं तेरा गुणगान,
शिव जी कैलाश निवासी,
शंकर तू है अविनाशी,
तुमने किया है जहर पान,
करते हैं तेरा गुणगान।।
तर्ज – कजरा मोहब्बत वाला।
बीच भंवर में नैया,
आकर के पार कर दो,
अपने भक्तों पर बाबा,
इतना उपकार कर दो,
तेरी शरण में आया,
मेरा उद्धार कर दो,
भक्तों का तू रखवैया,
दुष्टों का नाश करैया,
जग में है ऊँची तेरी शान,
करते हैं तेरा गुणगान।।
गंगा सिर धारण करके,
गंगाधर तू कहलाया,
तूने विष को पी डाला,
जो था सागर से आया,
मन की मुरादे शिवजी,
मैं तेरे द्वार लाया,
तेरा है वेश निराला,
पहने सर्पों की माला,
भक्ति का दे दो वरदान,
करते हैं तेरा गुणगान।।
शिव तो है डमरु वाला,
कहते है भोला भाला,
शिव के चरणों में मेरा ध्यान,
करते हैं तेरा गुणगान,
शिव जी कैलाश निवासी,
शंकर तू है अविनाशी,
तुमने किया है जहर पान,
करते हैं तेरा गुणगान।।