ये जग राम की रचना है,
ये जीवन अद्भुत सपना है,
रैन बसेरा मुसाफिर खाना,
सबका आना जाना है,
ये जग राम की रचना हैं,
ये जीवन अद्भुत सपना है।।
हम राम के खेल खिलोने,
सुख और दुःख दो बिछोने है,
कहीं फूल कहीं कांटे है,
संभल संभल कर चलना है,
ये जग राम की रचना हैं,
ये जीवन अद्भुत सपना है।।
यहाँ रंग रंगीले नीले है,
कर्मो के पग पग खेले है,
कर्म गति से हँसना है,
कर्मो के फल रोना है,
ये जग राम की रचना हैं,
ये जीवन अद्भुत सपना है।।
अजब राम की माया है,
कहीं धुप कहीं छाया है,
जो कुछ पाया वो तुझसे पाया,
व्यर्थ ही जग भरमाया है,
ये जग राम की रचना हैं,
ये जीवन अद्भुत सपना है।।
जीवन खेल है सांसो का,
झूठे रिश्ते नातों का,
जो बांधा यहीं छूटेगा,
माटी ने खेल खिलाया है,
ये जग राम की रचना हैं,
ये जीवन अद्भुत सपना है।।
सूरज चंदा तारे है,
गंगा के बहते धारे है,
राम की नैया राम खिवैया,
राम ही राम किनारे है,
ये जग राम की रचना हैं,
ये जीवन अद्भुत सपना है।।
हाथ जो तेरा सर पे राम,
संवर गए मेरे बिगड़े काम,
सांस सांस पे नाम है तेरा,
साए में तेरे सिमटना है,
ये जग राम की रचना हैं,
ये जीवन अद्भुत सपना है।।
ये जग राम की रचना है,
ये जीवन अद्भुत सपना है,
रैन बसेरा मुसाफिर खाना,
सबका आना जाना है,
ये जग राम की रचना हैं,
ये जीवन अद्भुत सपना है।।